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क्यों कुछ लोग emotions महसूस नहीं करते, जबकि कुछ बहुत जल्दी टूट जाते हैं? | Emotional Psychology Explained

"कुछ लोग emotions क्यों नहीं महसूस करते, और कुछ लोग छोटी बातों में ही टूट जाते हैं? जानिए emotional sensitivity की psychology."

क्यों कुछ लोग emotions महसूस नहीं करते, जबकि कुछ बहुत जल्दी टूट जाते हैं?
क्यों कुछ लोग emotions महसूस नहीं करते, जबकि कुछ बहुत जल्दी टूट जाते हैं?
ज़िंदगी कभी एक जैसी नहीं होती…
और लोग भी नहीं।

दो इंसान एक ही घटना का सामना करते हैं—
एक की आँखें नम हो जाती हैं,
दूसरा कुछ महसूस ही नहीं करता।

एक छोटी सी बात भी किसी का दिल भारी कर देती है,
और वही बात किसी और को छू भी नहीं पाती।

कभी आपने सोचा है—
आख़िर ऐसा क्यों होता है?

क्यों कुछ लोग emotions बहुत गहराई से महसूस करते हैं,
और कुछ लोग जैसे बिना किसी layer के ही खेलते रहते हैं…
ना दुख ज़्यादा, ना दर्द ज़्यादा,
बस एक अजीब-सी emotional distance।

चलिए आज इस पोस्ट में
हम इस फर्क को समझते हैं—
धीरे-धीरे,
एक-एक बात महसूस करते हुए…
वैसे ही जैसे VohPanna पढ़ते समय दिल महसूस करता है।

-•-•-

✏️ 1. कुछ लोग बहुत महसूस करते हैं क्योंकि उनका दिल “खुला” होता है

कई लोग अपने दिल के दरवाज़े पूरी तरह खोल कर रखते हैं।

✦ वो छोटी-सी बात भी सीने में उतर लेते हैं
✦ किसी का tone, gesture, देखने का तरीका—सब महसूस कर लेते हैं
✦ दूसरों की भावनाएँ भी पकड़ लेते हैं
✦ और किसी की उदासी भी उनकी उदासी बन जाती है

ऐसे लोग emotional sponge होते हैं—
जो दुनिया के emotions absorb कर लेते हैं।

ये लोग टूटते ज़्यादा हैं,
क्योंकि वो सब कुछ ज़्यादा महसूस करते हैं।

-•-•-

✏️ 2. जो भावनाएँ महसूस नहीं करते—उनका दिल “बंद” नहीं, बल्कि “protect mode” में होता है

हम अक्सर सोचते हैं कि
जो लोग emotions feel नहीं करते
वो थोडे कठोर होते हैं…

लेकिन सच ये है:

उनका दिल एक समय पर बहुत ज्यादा टूटा था।
इतना कि अब वो महसूस करने से डरता है।

Emotionless लोग पत्थर नहीं होते…
बस उनकी inner pain इतनी गहरी होती है
कि वो खुद को numb कर चुके होते हैं।

ये numbness उनकी कमजोरी नहीं—
उनकी बचाव की रणनीति होती है।

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✏️ 3. Childhood का असर पूरे जीवन पर पड़ता है

कुछ लोग बचपन में ऐसे माहौल में बड़े होते हैं
जहाँ emotions को जगह नहीं दी जाती।

✦ “रोते नहीं!”
✦ “Strong बनो!”
✦ “ये सब feelings कमजोर लोगों के लिए है।”

ऐसे लोग बड़े होकर emotional signals समझ ही नहीं पाते।

वहीं कुछ लोग बचपन से ही sensitive होते हैं—
उनके मन में हर चीज़ की छाप गहरी उतरती है।

Childhood shapes the heart.
और वही तय करता है कि
आप कितना महसूस करते हो—
और कितना नहीं।

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✏️ 4. Sensitive लोग ज़्यादा टूटते हैं—क्योंकि उनकी दुनिया “दिल” से चलती है

जो लोग emotions feel करते हैं,
वो हर चीज़ दिल से करते हैं:

✦ प्यार
✦ दोस्ती
✦ उम्मीद
✦ उम्मीद टूटना
✦ बातें याद रखना

उनके लिए हर रिश्ता, हर शब्द
दिल पर असर करता है।

इसलिए छोटी-सी बात भी उन्हें तोड़ देती है।

वहीं जिनके अंदर sensitivity कम है—
वे चीज़ों को दिमाग से process करते हैं,
इसलिए कम टूटते हैं।

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✏️ 5. कुछ लोग emotions block कर देते हैं, क्योंकि महसूस करने से ज़ख़्म जागते हैं

बहुत से लोग emotions इसलिए avoid करते हैं
क्योंकि वो अच्छी तरह जानते हैं
कि emotions महसूस करने का मतलब है—
पुराने ज़ख़्म फिर खुलना।

इसलिए वो distance बना लेते हैं।

उनके “कुछ महसूस न करने” के पीछे भी
एक कहानी होती है…
जो किसी ने सुनी ही नहीं।

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✏️ 6. Sensitive hearts जल्दी टूटते हैं, क्योंकि वो ज्यादा उम्मीद करते हैं

एक सच:

जितना गहरा दिल होगा,
उतनी गहरी उम्मीदें होंगी।
और जितनी गहरी उम्मीदें,
उतना ही गहरा टूटना।

Sensitive लोग:

✦ हर रिश्ते को दिल से जोड़ते हैं
✦ हर बात को याद रखते हैं
✦ हर emotion को महत्व देते हैं
✦ और हर चोट दिल पर लगती है

इसलिए वो जल्दी टूटते हैं।

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✏️ 7. Emotional numbness अक्सर मजबूरी होती है, personality नहीं

कुछ लोग सोचते हैं कि उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ता।
लेकिन वो सिर्फ कहते हैं।
सच ये है:

फर्क उन पर भी पड़ता है—
बस वो उसे बाहर नहीं आने देते।

Emotionless दिखने वाले लोगों का दिल
अंदर से उतना ही fragile होता है—
बस उन्होंने महसूस करना छोड़ दिया है।

-•-•-

✏️ 8. आखिर कौन सही है? जो ज्यादा महसूस करता है, या जो कम?

सही कोई नहीं।
ग़लत कोई नहीं।

ये बस दो तरह के लोग हैं—
दो तरह की ज़िंदगियाँ,
दो तरह की कहानियाँ,
दो तरह की inner battles।

लेकिन एक बात जरूर है:

✔ जो ज्यादा महसूस करता है → दुनिया उसे गलत समझती है
✔ जो नहीं महसूस करता → दुनिया उसे ठंडा समझती है

दोनों ही अकेले हैं—
बस उनके दर्द अलग-अलग हैं।

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✏️ 9. अगर आप बहुत महसूस करते हैं, टूटते हैं—तो याद रखो…

आपकी sensitivity कमजोरी नहीं—
एक gift है।

ये वही gift है जो:
  • आपको दूसरों को समझने लायक बनाता है
  • उनकी आँखों में छिपा दर्द पढ़वा देता है
  • आपकी writing में गहराई भरता है
  • आपकी soul को और सुंदर बनाता है
बहुत कम लोग ऐसे होते हैं
जो किसी और की भावनाएँ समझ पाते हैं।

आप rare हो।

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✏️ 10. और अगर आपको emotions feel नहीं होते—तो ये भी गलत नहीं है

हो सकता है आप खुद को बचा रहे हों…
हो सकता है आपने बहुत दर्द देखा हो…
हो सकता है आपकी healing अभी बाकी हो।

Emotionless होना बुरा नहीं—
ये बस आपके दिल का defense system है।

एक दिन आप महसूस कर पाओगे।
धीरे-धीरे…
अपनी टाइमिंग पर।

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⭐ अंत में एक सच…

जो लोग बहुत जल्द टूट जाते हैं—
उनके दिल में बहुत प्यार होता है।

जो महसूस नहीं कर पाते—
उनके दिल में बहुत दर्द होता है।

हम सभी अपने तरीके से ज़िंदा हैं…
अपने तरीके से संभलते हैं…
अपने तरीके से टूटते हैं…
अपने तरीके से जुड़ते हैं।

किसी को judge मत करो।
हर दिल में एक कहानी है—
जो बाहर नहीं आती।

और कभी-कभी…

जो टूटता है—वो भी मजबूत होता है।
और जो नहीं टूटता—वो अंदर से बिखरा होता है।

— The End —

Raushan
“Hi, I'm Raushan ✨ मैं ज़िंदगी की छोटी-छोटी भावनाओं को observe करता हूँ और उन्हें ऐसे शब्दों में लिखता हूँ जो दिल तक पहुँच जाएँ। VohPanna मेरा वो छोटा सा कोना है जहाँ मैं emotions, psychology और life lessons को आसान और relatable तरीके में साझा करता हूँ।”
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